प्रत्येक देश की अपनी सज्जा शैली और संस्कृति होती है जो इसे दूसरों संस्कृतियों से अलग करती है। लेकिन भारत कई जीवंत संस्कृतियों का घर है और इस अनगिनत तथा विविध रंगों की भूमि में, आंतरिक सजावट की दुनिया किसी भी अन्य देश के सज्जा शैली से कम नहीं हो सकती है। यदि अपने भारतीय घर को सजाने वाले हैं, तो ऐसे सजाये की इस धरती की जड़ों में से कुछ प्रतिबिंबित करे ताकि आसपास के क्षेत्र से सम्बन्ध बनाये रखे। ऐसी कई चीजें हैं जो घर को अपूर्व भारतीय आकर्षण देने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
यहां 6 आवश्यक विवरण हैं जो हमें लगता है कि अपनी आधुनिक भारतीय घर के सज्जा शैली में शामिल करना चाहिए।
अधिकांश भारतीय परिवारों में धर्म की मजबूत भावना है इसलिए घर के एक कमरे या हिस्से में आध्यात्मिक प्रतिनिधित्व के माध्यम से घर में आध्यात्मिकता का स्पर्श जोड़ें। पूजा क्षेत्र में देवी-देवताओ के चित्र, मूर्तियां और दीवार तथा छत पर रौशनी के टुकड़े जैसे चीजें जोड़ें जो आपकी मान्यताओं का प्रतिनिधित्व करता हो। घर के मालिकों के इच्छानुसार डिजाइन की गई यह पूजा वेदी एक आदर्श उदाहरण है कि जिसे आपके घर में श्रद्धा और आध्यात्मिकता का प्रतिनिधित्व करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
पुराने ज़माने के बड़े घरों में भरी भरकम अलंकृत लकड़ी और लोहे के फर्नीचर मानक थे लेकिन आधुनिक भारतीय घर का सज्जा मंत्र है 'कम ही काफी है’। इस सरल सज्जा को अपनाने के लिए हलके फर्नीचर का चयन करें जिससे अव्यवस्था कम हो तथा घर में खुली जगह हो। इस तरह डिज़ाइन किए गए बैठक कमरे जहाँ सुगठित फर्नीचर और बड़े खिड़कियों के वजह से अभिनव प्रकाश प्रवेश करे, घर के स्वरूप को बढ़ाने में मदद करेगा।
खिले हुए रंग भारत के दिल और आत्मा में बसे हैं लेकिन उसका ये मतलब नहीं की उन्हें बेतरतीब तरीके से घर की सज्जा में इस्तेमाल किया जाए क्योकि हो सकता है की आपका घर के दशा वैसी जो जाए जैसे होली उत्सव के बाद होती हैं। हर कमरे में एक या दो रंगों को महत्व दें और तथा ध्यान रखें कि कमरे में गहरे रंग हमेशा पूरक हों जैसे कि इस कमरे में नारंगी और नील रंग के स्वर। हमेशा सफेद, क्रीम, काले या भूरे रंग के तटस्थ रंगों के साथ गहरे रंगो को जोड़े और फर्नीचर, परदे तथा बाकि सज्जा वस्तुओ में तालमेल बनाये रखें।
अपने घर में कुछ अद्वितीय जिज्ञासा बढ़ाने वाले सज्जा सामान जोड़ना न भूलें विशेष रूप से वह जो भारत के अंदर और विदेशों में आपकी यात्रा को दर्शाता हैं। ये वस्तु पसंदीदा देवता या जानवरो के धातु से बने मूर्ति अथवा पत्थर की मूर्ति भी जो सकते हैं क्योकि भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थानीय शिल्पकला और हस्तकलाकृतियों मशहूर हैं । इन्हें आप घर में कई स्थानों पर प्रदर्शित कर सकते हैं ताकि एक प्रामाणिक भारतीय खिंचाव मिले ।
भारत का दिल अभी भी गांव में बसता है इसीलिए हम कृत्रिम वस्तुओ के बजाय प्रकृति से जुड़े स्वाभाविक गुणों वाले वस्त्र और वस्तुओ को जल्दी अपनाते हैं। यहाँ भी बैठक कमरे में मोटे हाथ से बुने रंगीन 'दरी' से सजाया गया है और दीवार पर जूट से बने कलात्मक टुकड़े लटकाये गए हैं । बाजार में कई कलात्मक चीजें उपलब्ध हैं जिन्हे बजट, ग्राम्यशीली और स्वादानुसार चुन सकते हैं। यदि कुछ ख़ास न मिले तो अपने घर में ग्राम्य वातावरण बनाने के लिए कपास और ऊन से बने कुछ उज्ज्वल रंगीन कुशन या मिटटी के कलात्मक बर्तन जोड़ें।
अपने घर पर पारम्परिक भारतीय स्पर्श जोड़ने के दौरान इसे और अधिक सुंदर दिखने के लिए आधुनिक फर्नीचर का चयन करें ताकि घर पारम्परिक सुंदरता और आधुनिक कार्यक्षमता का सही संतुलन बना सके। इस कमरे में चमड़े की कुर्सियां और चमड़े का बिस्तर तथा कांच का कॉफी टेबल और दर्पण फ्रंट कैबिनेट आधुनिक बनावट को दर्शाने के साथ व्यावहारिक कार्यकुशलता भी बनाये रखते हैं।
यदि आपके पास घर सज्जा के लिए समकालीन फर्नीचर के साथ कुछ विचार एकीकृत करना चाहते हैं, तो इस विचार पुस्तक में 6 विचार हैं जो आपको ऐसा करने में मदद करेंगे!